चारों तरफ दुश्मनों से घिरे विमल को लगता था कि अनजाने में ही वो शेर सवारी कर बैठा था; अब न चढ़ा रहे बनता था, और न उतरते बनता था । चढ़ा वो रह नहीं सकता था और उतरता तो शेर खा जाता ।क्या शेर का निवाला बनना ही सोहल की नियति थी ?
- Release Date: 25-Jun-2014
- Book Size: 393 KB
- Language: Hindi
- Category:
Rahasya Aur Romanch
SMP Vimal Series