राजस्थान
लव-जिहाद पर कानून लाकर भाजपा सरकार बहुत गलत कर रही है: अशोक गहलोत

हरियाणा के बल्लबगढ़ में निकिता तोमर मर्डर केस के बाद देशभर में लव-जिहाद पर कानून बनानें की मांगे उठने लगी. लव जिहाद के मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लव जिहाद के खिलाफ कानून बनानें का ऐलान किया, उसके बाद मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कानून बनाने का ऐलान किया।
भाजपा शासित राज्यों द्वारा लव-जिहाद पर बनाये जा रहे कानून से कांग्रेस नेता अशोक गहलोत बहुत नाराज हैं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का मानना है कि लव जिहाद पर कानून बनाकर भाजपा साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश कर रही है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा कि लव जिहाद भाजपा द्वारा राष्ट्र को विभाजित करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए निर्मित एक शब्द है। उन्होंने लिखा, विवाह व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला है, इस पर अंकुश लगाने के लिए कानून लाना पूरी तरह से असंवैधानिक है यह कानून की किसी भी अदालत में टिक नहीं पायेगा। लव में जिहाद का कोई स्थान नहीं है।
शादी के बाद एक #लड़की का नाम बदलता है, सरनेम बदलता है, घर बदलता है, माँ-पिता बदलते हैं, परिवार-रिश्तेदार बदलते हैं, लड़की की एक पूरी पहचान और जिंदगी ही बदल जाती है,
समस्या तब होती है जब लड़की प्रेम विवाह करना चाहे,किसी दूसरे धर्म में करना चाहे, यह बदलाव समाज-परिवार को मंजूर नहीं. https://t.co/oylAI5VvQm— Alka Lamba &dhndash; अल्का लाम्बा (@LambaAlka) November 20, 2020
अशोक गहलोत के सुर में सुर मिलाते हुए कांग्रेस नेता अलका लाम्बा ने कहा कि शादी के बाद एक लड़की का नाम बदलता है, सरनेम बदलता है, घर बदलता है, माँ-पिता बदलते हैं, परिवार-रिश्तेदार बदलते हैं, लड़की की एक पूरी पहचान और जिंदगी ही बदल जाती है, समस्या तब होती है जब लड़की प्रेम विवाह करना चाहे,किसी दूसरे धर्म में करना चाहे, यह बदलाव समाज-परिवार को मंजूर नहीं.
मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अगले विधानसभा सत्र में 'लव जिहाद' को लेकर विधेयक लाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि 'लव जिहाद' में 5 साल के कठोर कारावास की सजा का प्रावधान रहेगा और गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होगा। उत्तर प्रदेश में जल्द ही लव जिहाद पर कानून बनाया जाएगा. गृह मंत्रालय ने कानून मंत्रालय को अपना प्रस्ताव भेज दिया है.