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विहिप ने की 'जय श्रीराम' के उद्घोष के विरोध के लिए ममता बनर्जी की आलोचना, बताया हिंदू विरोधी मानसिकता

कोलकाता (पश्चिम बंगाल ): विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के यहां मुख्य 'पराक्रम दिवस' समारोह में 'जय श्रीराम' के उद्घोष के बाद भाषण नहीं देने के लिए रविवार को तीखी आलोचना की और कहा कि यह उनकी ''हिंदू विरोधी'' मानसिकता और किसी विशेष समुदाय को खुश करने के प्रयास को दर्शाता है.
ममता बनर्जी संबोधन देने से किया था मनाः
बनर्जी शनिवार को विक्टोरिया मेमोरियल में नेताजी के जयंती समारोह में संबोधन देने के लिए आमंत्रित किए जाने पर अपने कथित ''अपमान'' पर नाराज नजर आ रही थीं. बनर्जी ने कहा कि वह एक सरकारी कार्यक्रम था, कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं.
विहिपस ने बताया- हिंदू-विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीतिः
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ममता बनर्जी ने कल जो किया वह उनकी हिंदू-विरोधी मानसिकता और तुष्टिकरण की राजनीति के प्रति उनके प्रयासों को दर्शाता है. भगवान राम देश की आत्मा हैं. 'जय श्री राम' के उद्घोष से उन्हें गुस्सा क्यों आता है? हम समझने में असफल हैं.
ममता बनर्जी ने बताया था अपमानः
भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने जब नारा लगाना जारी रखा तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने स्थान पर लौटने से पहले कहा कि मैं कोलकाता में इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय को धन्यवाद देती हूं. यह एक सरकारी कार्यक्रम है, कोई राजनीतिक कार्यक्रम नहीं. एक गरिमा होनी चाहिए. लोगों को आमंत्रित करके अपमान करना किसी के लिए शोभा नहीं देता. मैं नहीं बोलूंगी. जय बंगला, जय हिंद.
कांग्रेस और वाम मोर्चा ने किया ममता बनर्जी का समर्थनः
भाजपा नेता एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के रिश्तेदार चंद्र कुमार बोस ने कहा कि नारे में कुछ भी गलत नहीं था और नेताजी की जयंती को राजनीति के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. कांग्रेस और वाम मोर्चा ने बनर्जी का समर्थन किया है और इस घटना के लिए भाजपा की आलोचना की है.
सोर्स भाषा