खबर के अनुसार प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को पत्र लिखकर कहा है की इन शिक्षकों के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण का फोल्डर 23 दिसंबर तक अनिवार्य रूप से निगरानी दल के पास जमा कराएं ताकि इसकी जांच की जा सके।
सबसे बड़ी बात यह है की बिहार में नौकरी करने वाले इन 1 लाख 10 हजार 410 नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र का फोल्डर ही गायब हैं।
आपको बता दें की बिहार में फर्जी शिक्षको की जांच हाईकोर्ट के निगरानी में हो रहा हैं। बहुत जल्द इसकी सच्चाई सामने आ सकती हैं और जो लोग फर्जी तरीकों से नौकरी पाए हैं। उनपर कारवाई शुरू हो सकती हैं। हाईकोर्ट इसकी अगली सुनवाई 9 जनवरी को करेगा।
Disclaimer
This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by Dailyhunt Publisher: Happy News Hindi