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LIVE: किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली नोएडा चिल्ला बॉर्डर बंद

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में आंदोलन जारी है. इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाल रखा है. हजारों की संख्या में किसान दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 8 दिनों से डटे हुए हैं. किसानों के आंदोलन पर राजनीति भी जमकर हो रही है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरे हुए हैं, जबकि सरकार की ओर से लगातार किसानों से बातचीत की कोशिश की जा रही है. आज भी इस मुद्दे पर सरकार और किसान प्रतिनिधियों की बैठक होगी.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब तक प्रधानमंत्री समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे.
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "जब तक प्रधानमंत्री जी समस्या का निदान नहीं करेंगे, तब तक किसान दिल्ली छोड़कर नहीं जाएंगे।" #FarmersProtest pic.twitter.com/6kSLUEqjfG
- ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर आज किसान नेताओं के साथ बैठक करेंगे।#FarmersProtest pic.twitter.com/9kK182D694
- ANI_HindiNews (@AHindinews) December 3, 2020
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली नोएडा के बीच चिल्ला बॉर्डर को आज फिर बंद कर दिया गया है. इसके अलावा टिकरी, झरोदा, झतिक्रा बॉर्डर को भी बंद किया गया है. बदुसराय बॉर्डर को सिर्फ दोपहिया वाहन के लिए पुलिस ने खोला है.
The chilla border on Noida link road is closed for traffic due to farmers protests near Gautam Budh Dwar. Tikri border, Jharoda Border, Jhatikra Border are closed for any Traffic Movement. Badusarai Border is open only for two-wheeler traffic: Delhi Traffic Police
- ANI (@ANI) December 3, 2020
आज एक बार फिर किसान नेताओं के साथ सरकार बातचीत करेगी.
सरकार ने एक दिसंबर को किसानों के साथ बातचीत की थी, जो बेनतीजा रही थी.
कृषि कानूनों का विरोध खासकर हरियाणा और पंजाब के किसान कर रहे हैं. किसानों को अब सियासी दलों, सामाजिक संगठनों और खापों का समर्थन मिलने लगा है.