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नौकरी छोड़ IAS बनने का निश्चय किया, लगातार 5 परीक्षाओं में फेल होने के बाद आखिरी बार मे सफलता मिली!

14 Nov 2020.8:33 PM

कामयाब होने के लिए हमें परिश्रम और ख़ुद पर यक़ीन करना होगा। अगर किस्मत की बात हो तो यह सिर्फ जुआ खेलने में आजमाया जाता है। आज की यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जो कठिन परिश्रम के बाद भी कई बार असफल हुई। इसके बावजूद भी वह परास्त नहीं हुई और आखिरकार सफलता ने इनके सामने 6वीं बार मे घुटने टेक दिए।


यह हैं, नमिता शर्मा नमिता शर्मा हमारे देश की राजधानी दिल्ली से ताल्लुक रखती हैं। इन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई यही से संपन्न की। 12वीं की पढ़ाई संपन्न करने के बाद यह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन में अपनी स्नाकोत्तर की डिग्री ली। आगे इन्होंने लगभग 2 वर्षों तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर एक कंपनी में काम किया। इन्हें अपनी जिंदगी में कुछ अलग करना था। इसलिए उन्होंने निश्चय किया कि वह पूरा दिन यह काम नहीं करेंगी और कुछ अच्छा करेंगी। फिर इन्होंने नौकरी को छोड़ने का मन बनाया और यूपीएससी की तैयारी करने के बारे में सोचा। अब यूपीएससी इनका सपना बन गया और उन्होंने नौकरी छोड़ दी।

परिश्रम से निकाला एसएससी और सिजीएल अब इन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और यूपीएससी की तैयारी करने लग गई। साथ ही उन्होंने अन्य सरकारी जॉब का भी फॉर्म भरना शुरू किया। यूपीएससी की तैयारी करने के साथ-साथ इन्होंने एसएससी और सीजीएल के परीक्षा में सफल हुई। इसमें सफलता हासिल करने के बाद उन्होंने इसे ज्वाइन किया और जॉब करने लगी। लेकिन इनका सपना यूपीएससी था और ध्यान UPSC पर रहता था। तब इन्होंने अपने जॉब को करने के साथ-साथ अपनी यूपीएससी की तैयारी शुरू की। यह एक नौकरी कर रही थी जिस कारण इन्हें पैसे को लेकर कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। इन्होंने इस नौकरी को करने के दौरान और UPSC की तैयारी जारी रखी। इन्होंने इस दौरान 2 प्रयास UPSC में किया।

निराश हुई तब मिली सफलता इन्होंने इसके पूर्व 2 बार और कोशिश की थी लेकिन वह बिना किसी तैयारी की थी। अब इन्होंने अपनी असफलता से सीख लेकर तैयारी शुरू कर दी। लेकिन वह लगातार असफल हुई। लेकिन इन्होंने अपनी सफलता को हार ना मानकर आगे बढ़ने का निश्चय और अपने सपने को पूरा करने का लगन जारी रखा। 2017 में इनका प्री और मेंस क्लियर तो हुआ लेकिन यह इंटरव्यू में सिलेक्ट नहीं हो पाई। तब यह निराश हुई और इन्होंने तैयारी ना करने के बारे सोचा। इस दौरान इनके माता-पिता ने उन्हें बताया कि मेरा बेटा एक बार और कोशिश करें फिर इन्होंने एक बार और फॉर्म भर दिया और इस बार यह अपनी परीक्षा में सफल रही।
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