अंशुमान तिावरी
नई दिल्ली: कोरोना संकट पर विजय पाने के लिए घोषित लॉकडाउन में काफी संख्या में लोग देश के विभिन्न हिस्सों में फंस गए। लॉकडाउन का असर केवल इंसानों पर ही नहीं बल्कि पालतू जानवरों पर भी दिखा है। कुछ पालतू जानवर अपने मालिकों से दूर किसी स्थान पर फंस गए।
दिल्ली से विशेष विमान में पहुंचेंगे मुंबई
दिल्ली में फंसे अपने पालतू जानवरों को मुंबई वापस लाने के लिए साइबर सिक्योरिटी रिसर्च दीपिका सिंह ने काफी ज्यादा रकम खर्च की है। अपने पालतू जानवरों को मुंबई लाने के लिए स्पेशल 6 सीटर प्राइवेट जेट बुक किया है। जानकारों का कहना है कि इस बुकिंग में करीब 9.6 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। इसका मतलब साफ है कि हर एक सीट पर बैठने वाले पालतू जानवर के लिए 1.6 लाख रुपए की कीमत चुकानी होगी।
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इस कारण लिया विमान बुक करने का फैसला
दीपिका सिंह का कहना है कि लॉकडाउन के कारण मेरे कुछ रिश्तेदार दिल्ली में फंस गए थे और उन्हें वापस लाने के लिए कुछ दिनें पहले मैं एक प्राइवेट जेट बुक कर रही थी। मेरे कुछ रिश्तेदार पालतू जानवरों के साथ यात्रा करने के लिए तैयार नहीं थे, जबकि कुछ लोगों को इस पर कोई आपत्ति नहीं थी। तभी मैंने पालतू जानवरों को घर लाने के लिए प्राइवेट जेट बुक करने का फैसला कर लिया था। उनका कहना है कि अब सबकुछ तैयारी हो चुकी है और जून के दूसरे हफ्ते में ये पालतू जानवर दिल्ली से मुंबई आ जाएंगे। उन्होंने बताया कि हर सीट की बुकिंग के लिए 1.6 लाख की रकम खर्च करनी पड़ रही है।
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पूरी की जाएंगी सारी औपचारिकताएं
पालतू जानवरों की दिल्ली से मुंबई तक की यात्रा के दौरान देश में कोरोना संकट को देखते हुए तमाम एहतियाती कदम उठाए जाएंगे। यात्रा से पहले इन सभी पालतू जानवरों का तापमान चेक किया जाएगा। कोरोना से जंग में कारगर हथियार माने जा रहे सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन भी किया जाएगा।
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लोगों को उठानी पड़ीं ढेर सारी दिक्कतें
लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे तमाम लोगों को घर वापसी में तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन जरूर किया गया मगर इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भी लोगों को तमाम तरीके की दिक्कतें हुईं। कई ट्रेनों ने अपने तय समय से बहुत ज्यादा वक्त लिया और यात्रा के दौरान प्रवासियों को भूख और प्यास के संकट से भी जूझना पड़ा। कई लोगों ने तो सैकड़ों किलोमीटर की पैदल यात्रा की और कई दिनों की लंबी यात्रा के बाद ही घर पहुंचने में कामयाब हो सके।
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