रिपोर्ट:-दौलत शर्मा
बालिका शिक्षा के लिए किए कार्यों को मिला सम्मान; एजुकेट गर्ल्स के विश्वास कुमार बने देश की टीम बालिका
बांसवाड़ा, राजस्थान - “शिक्षा के अधिकार अधिनियम” के तहत बालिका शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रही संस्था एजुकेट गर्ल्स ने 17 दिसंबर को अपना 14वां स्थापना दिवस ऑनलाइन समारोह बहुत ही धूमधाम से मनाया। इस ऑनलाइन समारोह में संस्था के स्वयंसेवको, कार्मिकों सरकारी अधिकारी तथा डोनर्स ने जुड़ कर समारोह को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया । समारोह में 3,900 से भी अधिक लोगों ने ऑनलाइन और 9500+ लोगों ने जिला स्तर पर हिस्सा लिया। इस समारोह में राजस्थान के दक्षिण भाग मे स्थित बांसवाडा शहर के रहने वाले टीम बालिका विश्वास कुमार को देश की टीम बालिका सम्मान से सम्मानित किया गया | बांसवाडा शहर की भौगोलिक बसावट और पलायन बच्चों की शिक्षा की राह में एक चुनौती है।
विश्वास कुमार 2017 से एजुकेट गर्ल्स संस्था के साथ मिलकर बालिका शिक्षा के लिए काम कर रहे एक मध्यम वर्गीय परिवार में जन्मे विश्वास के पिता फौज में काम करते थे माँ विश्वास की पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाई और छोटी उम्र में ही विश्वास की शादी कर दी गई विश्वास ने जब 8वीं पास कर ली तो उन्होने अपनी पढ़ाई छोड़ दी क्योकि उन्हे 8-10 किलो मीटर दूर पढ़ने जाना पड़ता था लेकिन 6-7 महीने बाद उन्होने अपने दोस्तो के साथ फिर से अपनी पढ़ाई शुरू कर दी जीवन ने विश्वास के सामने बहुत सारी चुनौतियां आई, वें खुद शारीरिक विकलांग है और उनकी पत्नी देख नहीं पाती है इस सब के बावजूद अपने गाँव के बच्चों की शिक्षा के लिए काम करने में हमेशा आगे की पंक्ति में खड़े रहे है।
विश्वास ने अपने गांव में डोर-टू-डोर सर्वे कर यह सुनिश्चित किया कि सभी बच्चों को पढ़ाई करने का मौका मिले उन्होने अपने गाँव की 11 लड़कियों और 8 लड़कों को स्कूल से जोड़ा कोविड़ महामारी के दौरान जब स्कूल बंद थे तब विश्वास ने कैंप विद्या का कुशल संचालन करते हुये अपने गाँव के 18 से 20 बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा ताकि स्कूल खुलने पर बच्चे नियमित स्कूल जा सके कोविड महामारी से प्रभावित जरूरतमंद लोगों को एजुकेट गर्ल्स द्वारा किए गये राशन वितरण मे भी सहयोग प्रदान किया उन्होने गाँव के विद्यालय प्रबंधन समिति को जागरूक कर विद्यालय विकास में भी सहयोग करते है इसके अलावा गाँव विकास के किसी भी प्रकार के कार्य में विश्वास हमेशा सहयोग करते है।
एजुकेट गर्ल्स संस्था के राजस्थान रीजनल मैनेजर श्री ब्रजेश कुमार सिन्हा ने बताया, “विश्वास कुमार एक जुझारू व्यक्ति हैं, जो विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भी गाँव के बच्चों की शिक्षा के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा किए गए जमीनी स्तर के प्रयास से गाँव के बच्चों की शिक्षा को एक नई दिशा मिल रही हैं और समुदाय में बालिकाओं की शिक्षा में सकारात्मक बदलाव नजर आ रहे हैं।
पोस्ट ग्रेजुएट विश्वास का सपना है, टीचर बनकर अपने गांव के बच्चों की शिक्षा के लिए काम करना ताकि उनके गांव की हर लड़की शिक्षित हो विश्वास का तीन वर्ष का बेटा भी नियमित आगंनबाड़ी जाता है विश्वास शिक्षा क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वयंसेवको के लिए एक प्रेरणा है।
एजुकेट गर्ल्स के बारे में: एजुकेट गर्ल्स एक ग़ैर-लाभकारी संस्था है जो भारत के ग्रामीण और शैक्षिक रूप से पिछड़े इलाकों में बालिकाओं की शिक्षा के लिए समुदायों को प्रेरित करता है। सरकार के साथ साझेदारी में काम करते हुए एजुकेट गर्ल्स वर्तमान में राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 21,000 से अधिक गांवों में सफलतापूर्वक कार्यरत है। सामुदायिक स्वयंसेवकों की बड़ी संख्या को सहभागी बनाते हुए, एजुकेट गर्ल्स स्कूल से वंचित बालिकाओं की पहचान, नामांकन, और स्कूलों में ठहराव बनाए रखने और सभी बच्चों (दोनों - बालिकाओं और बालकों) के लिए साक्षरता और अंक गणितीय योग्यता में बुनियादी सुधार के लिए मदद करता है । अधिक जानकारी के लिए: www.EducateGirls.ngo | Facebook | LinkedIn | Twitter | Instagram | Blog | YouTube
टीम बालिका विश्वास कुमार गांव गांव जाकर बच्चों को शिक्षा का महत्व समझाते थे
एजुकेट गर्ल्स द्वारा कोविड महामारी से प्रभावित जरूरत मंद लोगों को खाद्य सामग्री किट का वितरण करते हुए टीम बालिका विश्वास कुमार
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