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कारीगरों की अकथित कहानिया

हर स्टेट की अपनी कुछ कलाएं होती है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती हैं. लोग इन कलाओं को दुनिया तक पहुचना चाहते है और पैसा कमाना चाहते है जो की अब बहुत मुश्किल हो गया है. भोगेन्द्र जो की बिहार के मूल निवासी है और इस समय नासिक में रहते है. भोगेन्द्र बिहार की मशहूर कला मधुबनी पेंटिंग के जरिये आमदनी करते हैं. भोगेन्द्र ने मधुबनी पेंटिंग अपनी माँ से सीखी है. यह नासिक में अपनी पत्नी 4 बहन, ३ भाई और 2 बच्चो के साथ रहते हैं. उनकी आमदनी का सहारा प्रदर्शनी होती है जहाँ वपो अपनी पेंटिंग को प्रदर्शित करते हैं. उनकी पत्नी उनकी मदद के लिए जूट से उत्पाद बनाकर बेचती हैं.बहुत मुश्किल होता है महंगाई के इस दौर में इतने बड़े परिवार का एक छत के नीचे रहना.
पढाई का स्तर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है जिससे बच्चो की फीस भी बढ़ रही है. इस लॉकडाउन के समय में भोगेन्द्र के परिवार की हर जरूरत मानों रुक सी गयी है.उसे नहीं समझ आ रहा है की कैसे बच्चो की फीस भरे और घर की सारी जरूरतों को पूरा करे. उसने अपने माँ के इलाज के लिए अपनी 1 लाख की फिक्स्ड डिपाजिट तोड़ दिया. उसने अपना अब तक कमाया सारा पैसा अपने बच्चो की पढाई व् [पेंटिंग पर लगा दिया.
वो इस लॉक डाउन के समय में प्रदर्शनी में नही जा पा रहा है जिससे उसकी जिंदगी ठहर सी गयी है. जिन पेंटिंग को आप लोग शान से अपने घरो में लगते है आज उन्ही पेंटिंग को बनाने वाला मुसीबत में है. उसकी आपलोगों से गुज़ारिश है की आप उसकी पेंटिंग को खरीद कर उसकी कला को पुरुस्कार दें.