इस राज्य में नहीं होगी वाहन टोइंग, गलत पार्किंग को रोकने के लिए सरकार लाएगी नया नियम
Drive Spark via Dailyhunt
कर्नाटक सरकार वाहन टोइंग की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विचार कर रही है।सरकार गलत पार्किंग और वाहन टोइंग से संबंधित नई नीतियों और मानदंडों पर काम कर रही है।
सरकार का कहना है कि 'नो पार्किंग' जोन में खड़ी गाड़ियों को टो करने की प्रक्रिया काफी समय से चलती आ रही है। आजकल गलत पार्किंग पर चालान डिजिटल तरीके से काटे जाते हैं जिससे चालान की संख्या में भी काफी वृद्धि हुई है।
हालांकि, इसके बाद भी शहरों में गलत पार्किंग की समस्या बनी हुई है।
सरकार का मानना है कि मौजूदा वाहन टोइंग प्रणाली पुरानी हो चुकी है जिससे हजारों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में वाहन टोइंग का अधिकतर काम प्राइवेट कंपनियां ठेके पर करती हैं, जो गलत पार्किंग में लगे वाहनों को उठाने का काम करती हैं।
इन्हें उठाये गए वाहन के हिसाब से आरटीओ या संबंधित सरकारी एजेंसी भुगतान करती है।
कई बार ठेके पर लगे ये कॉन्ट्रैक्टर वाहनों को गलत तरीके से उठा लेते हैं और उन्हें ले जाते समय नुकसान भी पहुंचाते हैं। कर्नाटक सरकार का कहना है कि उन्हें लोगों से कॉन्ट्रैक्टर और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ वाहन छोड़ने के लिए रिश्वत लेने की शिकायतें आ रही हैं।
वाहन चालकों ने गाड़ी को जबरदस्ती उठाने और खराब व्यवहार की भी शिकायतें की हैं।
वर्तमान में बैंगलोर में 100 से अधिक टोइंग वाहन चल रहे हैं और उनमें से अधिकांश की कार्य प्रणाली ठीक नहीं है, जिससे अक्सर मोटर चालकों का उत्पीड़न होता है।
इसके अतिरिक्त लोगों ने कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ जानबूझकर कर वाहन को नुकसान पहुंचाने की भी कई शिकायतें दर्ज कराई हैं।
कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने इस संबंध में नई नीति बनाने और वाहन चालकों की समस्या का समाधान निकालने का भरोसा दिया है। हमने टोइंग के संबंध में जनता द्वारा उठाई गई समस्याओं का उपयुक्त समाधान खोजने का निर्णय लिया है।
मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही यातायात और नागरिकों की टोइंग समस्याओं को कम करने का निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रारंभिक चर्चा की गई है और मुख्यमंत्री के साथ परामर्श के बाद जल्द ही एक निर्णय की घोषणा की जाएगी।
यह निर्णय एक बैठक के परिणामस्वरूप आया है जिसमें मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने इस मुद्दे के बारे में डीजी-आईजीपी प्रवीण सूद, बैंगलोर पुलिस आयुक्त कमल पंत और संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) से बात की थी। अगले 15 दिनों में टोइंग सिस्टम के सरल होने की उम्मीद है।
एक ऐसे युग में जहां हम पहले से कहीं अधिक प्रौद्योगिकी पर निर्भर हैं, ट्रैफिक कानून में वाहन टोइंग एक पुराना दंड नियम हो गया है। इससे न केवल सरकार पर प्रबंधन का बोझ बढ़ता है बल्कि आम लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
पार्किंग कानूनों में सुधार समय की मांग है और हमें उम्मीद है कि बंगलौर जैसे तकनीक-प्रेमी शहर में नए कानून जल्द ही लागू किये जाएंगे।