पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे: साढ़े 3 घंटे में पूरी होगी 300 किमी की दूरी, पीएम मोदी आज करेंगे लोकार्पण
Drive Spark via Dailyhunt
लखनऊ से गाजीपुर तक 341 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) 16 नवंबर से जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दोपहर 1.30 बजे सुल्तानपुर के कुडेभर में हवाई पट्टी से इस एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन करेंगे।
22,500 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, गाजीपुर नई दिल्ली से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बीच यात्रा करने में लगने वाले समय को लगभग 3.50 घंटे तक कम कर देगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे कई हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे का नवीनतम संस्करण है जो उत्तर प्रदेश के कई इलाकों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है। उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख हाई स्पीड एक्सप्रेसवे में में यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और साथ में आगामी गंगा एक्सप्रेसवे भी शामिल है।
आपको बता दें कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की तरह भारतीय वायु सेना के विमानों के लिए एक आपातकालीन रनवे के रूप में भी किया जाएगा।
सुल्तानपुर के नजदीक इस एक्सप्रेसवे पर 3.3 किलोमीटर लंबा एयर स्ट्रिप भी बनाया गया है जो भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों को आपात स्थितियों के लिए हवाई पट्टी के रूप में उपयोग करने की अनुमति देगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का उपयोग करने वाले यात्रियों को शुरू में कोई टोल शुल्क नहीं देना होगा। इस एक्सप्रेस-वे से सरकार टोल टैक्स के रूप में सालाना 202 करोड़ रुपये वसूलेगी। प्रति किमी टोल की दर और टोल टैक्स दोनों छोर पर टोल प्लाजा से आवाजाही पर लगाया जाएगा।
माना जा रहा है कि इसके रेट लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे की दरों के समान होंगे।
इस नवनिर्मित एक्सप्रेस-वे से फिलहाल रोजाना 15 से 20 हजार वाहन गुजरेंगे और धीरे-धीरे वाहनों की संख्या में इजाफा होगा।
यूपीडीए कोशिश कर रहा है कि पूर्वी यूपी और बिहार से आने वाले लोग दिल्ली नोएडा जाने के लिए इस एक्सप्रेस-वे के अलावा लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल करें, इससे इस एक्सप्रेस-वे का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा।
इसके साथ ही टोल से यूपीईडीए की आय भी बढ़ेगी।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरेगा। इनमें लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर शामिल हैं। बाद में इसे बलिया तक बढ़ाया जाएगा।
एक्सप्रेसवे वाराणसी, अयोध्या, गोरखपुर और इलाहाबाद जैसे महत्वपूर्ण शहरों को भी लिंक सड़कों के माध्यम से जोड़ेगा।
341 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए कई प्रबंध किए गए हैं। इस पर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। एक्सप्रेस-पर जानवरों को आने से रोकने के लिए सड़क के दोनों ओर फेंसिंग की गई है।
इसके अलावा आवारा जानवरों को पकड़ने के लिए एक्सप्रेस पर कई टीमों को लगाया गया है।
दुर्घटना की स्थिति में एक्सप्रेस-वे के प्रत्येक पैकेज में दो-दो एंबुलेंस जीवन रक्षक प्रणाली के साथ तैनात की गई हैं। सैनिक कल्याण बोर्ड ने यहां सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया है। एक्सप्रेसवे पर क्रैश बैरियर के साथ 20 पेट्रोलिंग वाहन भी तैनात किए गए हैं।
source: drivespark.com ऐसी ही और लोकल खबरों के लिए, डाउनलोड करें हमारा नया लोकल वीडियो ऐप पब्लिक वाइबDailyhunt