दिल्ली और लखनऊ की दूरी होगी कम, जल्द शुरू होगा 554 KMs के एक्सप्रेसवे पर काम
Drive Spark via Dailyhunt
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को दोनों शहरों को जोड़ने वाले 554 किलोमीटर के एक्सप्रेसवे की परियोजना पर काम जल्द ही शुरू करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने पर दोनों शहरों के बीच की दूरी केवल साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी।
दिल्ली और लखनऊ वर्तमान में यमुना और ताज एक्सप्रेसवे के माध्यम से जुड़े हुए हैं। मौजूदा समय में दोनों शहरों के बीच सफर करने में 7 घंटे से थोड़ा अधिक समय लगता है। प्रस्तावित नए एक्सप्रेसवे लिंक की आधिकारिक घोषणा अगले 10 - 12 दिनों में की जाएगी।
परियोजना का शुभारंभ करने के लिए एक समारोह होगा, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।
गडकरी ने समारोह के दौरान उत्तर प्रदेश में छह राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इन एक्सप्रेसवे परियोजनाओं का विस्तार 8,364 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
आगामी दिल्ली-लखनऊ एक्सप्रेसवे के अलावा, उत्तर प्रदेश में पहले से ही राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे का एक प्रभावशाली नेटवर्क है।
राज्य की कुछ प्रमुख एक्सप्रेसवे में, यमुना एक्सप्रेसवे है जो दिल्ली और आगरा को जोड़ता है, आगरा और लखनऊ को जोड़ने के लिए ताज एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजधानी को पश्चिमी यूपी में मेरठ से जोड़ने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे है।
इनके अलावा और भी कई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। उनमें से प्रमुख गंगा एक्सप्रेसवे है, जिसकी पिछले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी थी।
36,200 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला मेरठ और प्रयागराज को जोड़ने वाला 594 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे राज्य का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इस परियोजना के अगले तीन वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे का भी उद्धाटन किया। यह एक्सप्रेसवे राज्य की राजधानी लखनऊ को राज्य के पूर्वी हिस्से में गाजीपुर से जोड़ता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को 22,495 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है।
इस एक्सप्रेसवे को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू जेट विमानों के आपातकालीन हवाई पट्टी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने एक भाषण में कहा था कि उत्तर प्रदेश की सड़कों को अमेरिका के जैसी बनाएंगे। इसके लिए उन्होंने 5 लाख करोड़ रुपये खर्च करने की योजना तैयार की है।
उन्होंने कहा कि इस राशि से उत्तर प्रदेश की सड़कों के आधारभूत संरचना में सुधार किया जाएगा जिससे यहां की सड़कें अमेरिका की सड़कों के जैसी बेहतर बन जाएंगी।
बता दें कि नितिन गडकरी ने राज्यसभा में कहा था कि देश में नवंबर 2021 तक राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 1,40,937 किमी है।
उन्होंने कहा कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई अप्रैल 2014 में लगभग 91,287 किमी से बढ़कर इस साल नवंबर के अंत तक लगभग 1,40,937 किमी हो गई है।
आंकड़ों को साझा करते हुए गडकरी ने कहा था कि 2014 - 15 से इस साल नवंबर के अंत तक, लगभग 82,058 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का आवंटन किया गया, जबकि इसी अवधि के दौरान लगभग 68,068 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है।
वहीं, लगभग 1,13,000 करोड़ की लागत से 4,970 किलोमीटर में फैली 49 परियोजनाएं वर्तमान में प्रगति के विभिन्न चरणों में हैं और इन्हें 2023 - 24 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय ने लगभग 3.6 लाख करोड़ के कुल निवेश के लिए अतिरिक्त 27 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे या एक्सेस-नियंत्रित राजमार्गों की अवधारणा शुरू की है।
source: drivespark.com ऐसी ही और लोकल खबरों के लिए, डाउनलोड करें हमारा नया लोकल वीडियो ऐप पब्लिक वाइबDailyhunt