Tesla चीन में दूसरी कार फैक्टरी खोलने की कर रही है तैयारी, भारत में फंसा पेंच
Drive Spark via Dailyhunt
भारत में टेस्ला के इलेक्ट्रिक कारों (Tesla Electric Cars) के निर्माण को लेकर टेस्ला और भारत सरकार के बीच कई दौर में बात हो चुकी है।
लेकिन अभी तक टेस्ला के भारत में निवेश का रास्ता साफ नहीं हुआ है।कार और बाइक पर लेटेस्ट अपडेट पाने के लिए यहां क्लिक करें इसी बीच चीन के शंघाई में टेस्ला की एक और फैक्टरी लगाने की खबर सामने आई है।
बता दें कि नवंबर 2021 में टेस्ला ने शंघाई के फैक्टरी का 200 मिलियन डॉलर के निवेश से विस्तार करने की घोषणा की थी।
इस घटनाक्रम में नजर रखने वाली एक एजेंसी के मुताबिक, टेस्ला चीन में एक नई फैक्टरी लगाने की तैयारी कर रही है। चीन में टेस्ला कार की बढ़ती मांग पूरा करने और एक्सपोर्ट के लिए कंपनी उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है।
उत्पादन बढ़ने के लिए कंपनी शंघाई में एक नई फैक्टरी लगाने पर विचार कर रही है, जिसपर अगले महीने से काम शुरू हो सकता है।
एजेंसी ने बताया है कि अगर इस फैक्टरी का निर्माण पूरा हुआ तो यहां हर साल 10 लाख इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन किया जाएगा।
टेस्ला उत्पादन को बढ़ने के लिए इस फैक्टरी में वर्कशॉप की संख्या में वृद्धि करेगी, जिसके साथ श्रमिकों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी और उपकरणों के संचालन के समय को भी लंबा किया जाएगा। हालांकि, इस बारे में टेस्ला ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
भारत में उलझा मामला दुनिया के पांचवे सबसे बड़े कार बाजार भारत में भी टेस्ला ने अपनी दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि, यहां कारों के उत्पादन को लेकर टेस्ला को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
टेस्ला का कहना है कि वह चीन में पूरी तरह बनी कारों का भारत में आयात (इम्पोर्ट) करेगी। हालांकि, भारत सरकार ने टेस्ला के इस प्रस्ताव पर अपना वरोधाभास प्रकट किया है।
भारत सरकार का कहना है कि अगर टेस्ला भारत में कारें बेचना चाहती है, तो उसे भारत में ही निर्माण करना चाहिए।
टेस्ला चाहती है कि वह भारत में पूरी तरह से तैयार कारें इम्पोर्ट करे। कंपनी ने भारत सरकार से यह भी मांग की थी कि भारत में उसकी बाहर से इम्पोर्ट होने वाली कारों पर इम्पोर्ट ड्यूटी (टैक्स) को कम किया जाए।
हालांकि, इसपर भारत सरकार ने अपना नजरिया साफ करते हुए इम्पोर्ट ड्यूटी को कम करने से मना कर दिया था। भारत में अभी ऐसे इम्पोर्ट पर 100 फीसदी टैक्स लगता है।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इस मसले पर भारत साकार का नजरिया पहले ही साफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि भारत सरकार किसी एक कंपनी के लिए अपने टैक्स की नीति में बदलाव नहीं कर सकती।
अगर टेस्ला को भारत में अपनी कारों को बेचना है तो उसे सरकार द्वारा निर्धारित टैक्स और दरों का पालन करना चाहिए। गडकरी ने कहा था कि अगर टेस्ला भारत में निर्माण करने के लिए तैयार होती है, तभी वह सरकार द्वारा दी जाने वाली रियायतों की भागीदार बनेगी।
टेस्ला ने इस बैटरी की बनाई 10 लाख यूनिट टेस्ला ने इस साल जनवरी में अपनी इलेक्ट्रिक कारों में इस्तेमाल किये जाने वाले 4680-टाइप बैटरी सेल के 10 लाख यूनिट का निर्माण पूरा किया है। टेस्ला ने बताया है कि इस नई जनरेशन बैटरी का इस्तेमाल Model Y में किया जाएगा।
टेस्ला Model Y इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन अमेरिका के टेक्सस में किया जा रहा है। टेस्ला 2020 से अपनी नई जनरेशन की 4680-टाइप ईवी बैटरी पैक का निर्माण कर रही है। हालांकि, कंपनी ने आज तक इस बैटरी के उत्पादन दर का खुलासा नहीं किया है।
नई जनरेशन के 4680-टाइप लिथियम-आयन बैटरी पैक अधिक ऊर्जा कुशल हैं और अधिक ऊर्जा भंडारण की क्षमता के साथ आते हैं, जिसके चलते इन बैटरियों से लैस इलेक्ट्रिक कारों का प्रदर्शन काफी बेहतर होता है।
जबकि शुरुआत में इसका इस्तेमाल टेस्ला Model Y इलेक्ट्रिक कारों में किया जाएगा, बाद के चरण में, कार ब्रांड इस बैटरी सेल का उपयोग अन्य ईवी में भी करेगा। टेक्सस में निर्मित टेला Model Y इलेक्ट्रिक कारों के इस तिमाही के अंत से पहले बाजार में प्रवेश करने की उम्मीद है।