Taj
Mahal
से
कम
नहीं
इनका
Bajaj,
रत्नों
से
जड़े
स्कूटर
में
चलते
है
जबलपुर
के
अकरम
मियां,
लग्जरी
कार
भी
है
फेल
मोहब्बत
है।
जबलपुर
के
अकरम
मियां
के
बजाज
स्कूटर
की
भी
वैसी
ही
कहानी
हैं।
इनका
बजाज
दूसरों
से
अलग
हैं।
अकरम
मियां
की
स्कूटर
पुराने
ज़माने
में
साइकिल,
स्कूटर-
बाइक
सजाने
का
खूब
चलन
था।
पहियों
के
स्पोक
में
इलेक्ट्रिक
वायर
या
फिर
हैंडिल
और
आगे
से
पीछे
तक
फीते
से
सजावट।
रास्तों
से
गुजरती
ऐसी
गाड़ियां
मोहल्ले
और
शहर
में
चर्चा
का
विषय
होती
थी।
उसी
ज़माने
की
याद
आज
मप्र
के
जबलपुर
के
अकरम
मियां
की
यह
स्कूटर
दिला
रही
है।
कार
की
तरह
म्यूजिक
सिस्टम
और
कैमरा
लगभग
23
साल
पुरानी
इस
स्कूटर
में
नए
ज़माने
की
कार
वाली
कई
सुविधाएं
मौजूद
हैं।
कार
की
तरह
मीटर
डिस्प्ले
हैंडिल
में
म्यूजिक
सिस्टम
भी
लगा
हैं।
हाई
क्वालिटी
अपर
डिपर
लाइट
भी।
अकरम
मियां
पेशे
से
बाइक
मेकेनिक
है।
शहर
के
सतपुला
बाजार
में
उनकी
दुकान
है।
50
साल
से
बाइक,
बुलेट
सुधारते
आ
रहे
हैं।
लेकिन
चलते
स्कूटर
में
है।
गाड़ियों
का
इलाज
करते-
करते
उनकी
सूरत
भी
बदलने
में
माहिर
है।
अकरम
मियां
ने
बताया
है
कि
इस
स्कूटर
से
ही
इनकी
जिंदगी
जुड़ी
हुई
है।
अकरम
मियां
ने
स्कूटर
को
बेचकर
नई
बड़ी
गाड़ी
की
फरमाइश
की।
अकरम
भाई
ने
नई
गाड़ी
लेने
की
बजाय
पुरानी
ही
गाड़ी
को
ऐसी
शक्ल
दे
दी,
जिसके
जैसी
अब
कोई
दूसरी
गाड़ी
नहीं।
अकरम
कोई।
अकरम
मियां
की
स्कूटर
के
दूर-
दूर
तक
चर्चा
है।
जबलपुर
के
लेखक
पंकज
स्वामी
को
भी
जब
इस
गाड़ी
के
बारे
में
पता
चला
तो
वह
खुद
को
रोक
नहीं
पाए।
उन्होंने
एक
बार
यह
गाड़ी
चलाई
और
बोले
कि
सभी
इंतजामों
से
लैस
यह
गाड़ी
जब
चलती
है
तो
ऐसा
लगता
है
जैसे
लाखों
की
किसी
लग्जरी
कार
में
चल
रहे
है।
By
Kartik
Agnihotri
Oneindia
source:
oneindia.com
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