'मुझे
अब
कुछ
नहीं
बोलना
तेरे
बारे
में',
सूर्यकुमार
की
बैटिंग
ने
रोहित
के
मुंह
से
छीन
लिए
शब्द
विराट
कोहली
एंड
कंपनी
ने
लगातार
उनकी
अनदेखी
की।
सूर्यकुमार
यादव
की
उम्र
ढलती
जा
रही
थी
और
क्रिकेट
में
30
के
बाद
कौन
शिखर
पर
पहुंचता
है
जबकि
वह
ढलान
की
उम्र
है।
रोहित
शर्मा
की
मुंबई
इंडियंस
जैसी
प्रीमियम
फ्रेंचाइजी
ने
सूर्यकुमार
को
हमेशा
एक
बड़ा
खिलाड़ी
माना
और
लगातार
जगह
दी।
एमआई
की
ओर
से
यादव
ने
ऐसी
पारियों
को
अंजाम
दिया
कि
सिलेक्टरों
के
सामने
दरवाजा
खोलने
का
अलावा
चारा
नहीं
था।
सूर्यकुमार
रोहित
के
साथ
खास
रिश्ता
रखते
हैं।
आईपीएल
ही
नहीं
बल्कि
वे
मुंबई
की
टीम
के
भी
साथी
हैं।
जाहिर
है
रोहित
से
ज्यादा
बेहतर
तरीके
से
टीम
में
कोई
भी
सूर्यकुमार
के
गेम
को
नहीं
समझ
सकता।
इसके
बावजूद
स्काई
की
कुछ
पारियों
ने
रोहित
को
भी
शब्दहीन
कर
दिया
था।
अब
यादव
ने
हिटमैन
के
बारे
में
बात
की
है।
यादव
के
साथ
उनकी
अच्छी
जमती
है
तो
वे
उनसे
बात
करते
हैं।
रोहित
ने
टी20
वर्ल्ड
कप
में
सूर्यकुमार
या
बोझ
नहीं
होता
लेकिन
जब
वे
यात्रा
करते
हैं
तो
उनके
साथ
बहुत
सारे
सूटकेस
होते
हैं।
रोहित
का
मतलब
था
कि
क्या
मैं
बैटिंग
करते
हुए
किसी
बोझ
को
अपने
दिमाग
में
लेकर
चलता
हूं
या
नहीं।
मैंने
उनसे
कहा
था
कि
जो
भी
अतिरिक्त
बोझ
होता
है
उसको
मैं
बैटिंग
करने
से
पहले
मैदान
पर
हूं
छोड़
देता
हूं।
जब
मैं
मैदान
पर
होता
हूं,
तो
मैं
किसी
और
चीज
के
बारे
में
नहीं
सोचता।
सूर्यकुमार
अब
टेस्ट
मैचों
में
मौका
देने
वाली
कॉल
का
इंतजार
कर
रहे
हैं।
उन्होंने
हैदराबाद
के
खिलाफ
रणजी
ट्रॉफी
खेल
में
80
गेंदों
में
90
रन
बनाए।
उनकी
पारी
में
15
चौके
और
एक
छक्का
शामिल
था।
ये
तीन
सालों
में
उनका
पहला
रणजी
ट्रॉफी
मुकाबला
था।
आउट
ऑफ
बॉक्स
क्रिकेट
का
जमाना
है।
इंग्लैंड
इसका
नेतृत्व
कर
रहा
है।
कुछ
हटकर
और
लगातार
किया
जाए
तो
नतीजे
संभव
हैं।
बेन
स्टोक्स
और
मैकुलमन
की
जोड़ी
ने
बताया
है
कि
टी20
के
जमाने
में
टेस्ट
को
भी
बदले
हुए
अंदाज
में
कैसे
खेला
जा
सकता
है।
बैजबॉल
दोधारी
तलवार
हो
सकती
है
लेकिन
नतीजे
के
किसी
भी
पार
ये
दर्शकों
का
ही
मनोरंजन
करती
है।
By
Antriksh
Singh
Oneindia
source:
oneindia.com
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