Winter
Solstice:
लंबी
रातें...
जल्दी
अंधेरा
होने
की
वजह,
क्यों
गिरता
है
पृथ्वी
का
तापमान?
सब
जानते
थे
पूर्वज
सौर
मंडल
के
कुछ
8
ग्रहों
में
से
पृथ्वी
भी
एक
है।
जो
अपनी
धुरी
पर
घूमते
हुए
सूर्य
के
चक्कर
लगाती
है।
हमारे
ग्रह
पर
मौसम
परिवर्तन
का
यही
प्रमुख
कारण
है।
दिन,
रात,
सुबह,
शाम
दोपहर
होने
की
वजह
यही
है।
ये
बातें
अब
तक
के
खगोलीय
अध्ययन
के
अनुसार
कही
जाती
हैं।
पृथ्वी
सालभर
में
सूर्य
का
एक
चक्कर
पूरा
के
दौरान
अपने
अक्ष
पर
24
घंटे
में
एक
बार
पूरा
घूम
जाती
है।
सर्दी,
गर्मी,
बरसात
जैसे
मौसम
के
परिवर्तन
पृथ्वी
के
गतिमान
होने
की
वजह
से
होते
हैं।
बदलती
है
सूर्य
की
ऊंचाई
बुधवार
को
साल
2022
की
शीतकाली
शाम
4:48
बजे
से
शुरू
हो
चुकी
है।
बता
दें
कि
संक्रांति
वर्ष
में
दो
बार
आती
है।
उत्तरी
गोलार्ध
में
ग्रीष्म
संक्रांति
जून
में
आती
है।
शीतकालीन
संक्रांति
से
मतलब
सूर्य
का
पृथ्वी
के
दक्षिणायन
में
जाना
होता
है।
शीतकालीन
संक्रांति
21 दिसंबर
को
शीतकालीन
संक्रांति
माना
जाता
है।
इस
दिन
पृथ्वी
के
उत्तरी
गोलार्ध
में
वर्ष
का
सबसे
छोटा
दिन
और
रात
सबसे
लंबी
होती
है।
ठीक
इसी
दिन
से
भूमध्य
रेखा
के
दक्षिण
में
गर्मियों
की
शुरुआत
हो
जाती
है।
अमेरिकी
स्पेस
एजेंसी
नासा
के
अनुसार
शीकालीन
संक्रांति (
Winter
Solstice)
के
समय
पृथ्वी
और
सूर्य
के
बीच
की
दूसरी
सबसे
अधिक
होती
है।
गर्मियों
में
लंबा
दिन
सूर्य
के
चारों
ओर
अपनी
कक्षा
के
तल
की
तुलना
में
पृथ्वी
का
झुकाव
होता
अधिक
है।
पृथ्वी
का
तापमान
उत्तरी
गोलार्ध
में
सबसे
अधिक
होता
है।
इसका
कारण
ये
है
कि
इस
समय
पृथ्वी
की
सूर्य
से
दूरी
कम
हो
जाती
है।
नासा
के
अनुसार
उस
वक्त
दक्षिणी
गोलार्ध
में
सबसे
अधिक
सीधी
धूप
का
अनुभव
होता
है।
जिसके
कारण
सबसे
लंबा
दिन
और
सबसे
छोटी
रात
होती
है।
संक्रांति
का
कारण
संक्रांति
के
बारे
में
जानकारी
पहले
से
है।
ऐसा
कहा
जाता
है
कि
लाखों
वर्ष
पहले
हमारे
पूर्वजों
को
इसका
ज्ञान
था।
उन्हें
संक्रांति
का
ठीक
समय
भी
पता
था।
अगर
हम
प्राचीन
संस्कृतियों
का
अध्ययन
करें
तो
ये
बात
साफ
हो
जाती
है।
प्राचीन
स्मारकों
से
पता
चला
है
कि
हमारे
पूर्वज
आकाशीय
घटना
के
बारे
में
जानते
थे।
By
Mukesh
Pandey
Oneindia
source:
oneindia.com
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