2022
में
RBI
ने
12
बैंकों
पर
जड़ा
ताला,
2023
में
क्या
होगा
जानिए
भारतीय
रिजर्व
बैंक (
आरबीआई)
ने
2022
में
12
संकट
में
चल
रहे
सहकारी
बैंकों
के
लाइसेंस
रद्द
कर
दिए।
साथ
ही
नियमों
के
अनुसार
काम
न
करने
वाले
बैंकों
पर
लगभग
110
गुना
जुर्माना
लगाया
गया।
आरबीआई
ने
इस
साल
जिन
बैंकों
के
परमिट
रद्द
किए
हैं,
उनमें
इंडिपेंडेंस
कोऑपरेटिव
बैंक
लिमिटेड,
मंथा
अर्बन
कोऑपरेटिव
बैंक
लिमिटेड
शामिल
हैं।
आरबीआई
का
सहकारी
बैंकों
पर
जो
सख्त
ट्रेंड
पिछले
वर्षों
में
देखा
गया
वो
2022
में
भी
जारी
रहा।
आरबीआई
पिछले
कुछ
वर्षों
में
दिक्कतों
का
सामना
कर
रहे
या
उन
सहकारी
बैंकों
पर
नकेल
कसता
रहा
है,
जिनमें
कुछ
फाइनेंशियल
गड़बड़
पाई
गयी।
डिपॉजिट
में
ग्रोथ
नहीं
हुई
डिपॉजिट
में
वृद्धि
की
बात
करें (
जो
2020
में
शहरी
सहकारी
बैंकों
के
बिजनेस
का
80
.3
प्रतिशत
थी)
तो
यह
2021
में
सपाट
रही।
वहीं,
इसी
अवधि
में
इन
बैंकों
की
लायबिलिटीज (
देनदारियां)
और
प्रोविजन
11.3
प्रतिशत
से
बढ़कर
11
.5
प्रतिशत
हो
गए।
लोन
और
एडवांस
में
सहकारी
बैंकों
का
कारोबार
2020
में
48
.9
प्रतिशत
से
गिरकर
2021
में
47
.5
प्रतिशत
रह
गया।
आरबीआई
ने
19 जुलाई, 2022
को
यूसीबी के
लिए
रेगुलेटरी
फ्रेमवर्क
में
बदलाव
किया।
टीयर
-1
बैंकों
के
लिए
न्यूनतम
नेटवर्थ
2
करोड़
रुपये
और
अन्य
सभी
बैंकों
के
लिए
5
करोड़
रुपये
निर्धारित
की
गयी।
आरबीआई
ने
कहा
कि
यूसीबी,
जिनके
पास
इस
समय
न्यूनतम
नेटवर्थ
नहीं
है,
उन्हें
चरणबद्ध
तरीके
से
न्यूनतम
नेटवर्थ
2
करोड़
रुपये
करनी
होगी।
सहकारी
बैंकों
के
लिए
ग्रोथ
हासिल
करने
की
गुंजाइश
है।
सहकारी
बैंक
ग्रामीण
और
अर्ध-
ग्रामीण
क्षेत्रों
के
डेवलपमेंट
और
इकोनॉमिक
प्रोग्रेस
में
बड़ी
भूमिका
निभा
रहे
हैं।
By
Kashid
Hussain
Goodreturns
source:
goodreturns.in
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