Motivational Story: 2008 में सिर से उठा मां का साया, बेटी अंशु ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किया नाम रोशन
डॉ अंशु कुमारी की मां सविता देवी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी भी रह चुकी हैं।
2008 में अंशु की मां का निधन हो गया, जिसके बाद पिता चंद्रमा सिंह ने अपनी बेटी की परवरिश की।
डॉ. अंशु कुमारी ने. गांव कुमारी ने की वादियों से NASA तक का सफर तय किया है।
चंद्रमा सिंह के परवरिश का ही परिणाम है कि डॉ अंशु के शिक्षा की बात की जाए तो उन्होंने जवाहर नवोदय किया है।
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मोतिहारी की बेटी ने लहराया परचम मोतिहारी की बेटी ने डॉ. अशु ने हुनर का परचम लहराते हुए जिले समते प्रदेश और देश का नाम अंतर्राष्ट्रीय स्तर रोशन किया।
दुनया की सबसे मशहूर रिसर्च रिसर्च सेंटर नासा में डॉ. अंशु को नौकरी मिलने पर ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
रक्सौल ( पूर्वी चंपारण) के लोगों का कहना है कि उनकी बेटी डॉ. अंशु कुमारी ने जिले को एक अलग पहचान दी है। भविष्य में वह और भी नाम रोशन करेगी।
डॉ। अंशु कुमारी पहले भी कई अवार्ड से सम्मानित की जा चुकी हैं। दिसंबर 2022 में उन्हें IIT इंदौर में यंग साइंसटिस्ट अवार्ड से भी नवाज़ा गया था।
रक्सौल ( पूर्वी चंपारण) की बेटी डॉ. अंशु अब नासा में अपने हुनर का लोहा मनवाएंगी।
By Inzamam Wahidi Oneindia source: oneindia.com Dailyhunt