दूल्हा-दुल्हन को भी पता नहीं था कि आज होने वाली है शादी, महज 10 हजार
रुपए में संपन्न हुआ ब्याह
शादी की तैयारियां कई माह पहले से शुरू हो जाती हैं।पंडित, हलवाई, टेंट वाला से लेकर गहने व कपड़ों पर खूब रुपए खर्च किए जाते हैं।
सारे रिश् तेदारों, दोस् तों व परिजनों को न् योता भेजा जाता है।दूल् हा और दुल् हन भी अपनी शादी को लेकर ढेरों ख् वाब सजाते हैं।
एक विवाह ऐसा भी...अचानक सजा मंडप
इस 'एक विवाह ऐसा में' खुद दूल्हा और दुल्हन तक को यह पता नहीं था कि आज
उनकी शादी होने वाली है।
एनवक्त तक परिजन व रिश्तेदार भी इस बात से अनजान
थे।अचानक मंडप सजा।टेंट लगा।
पंडित जी को बुलाया गया और महज 10 हजार रुपए
खर्च में सगी बहनों की शादी सम्पन्न हो गई।दूल्हे भी दोनों सगे भाई हैं।
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बिन बाप की दो सगी बहन आरती व दीपिका से सगाई होनी थी।
यहां पर की राजधानी जयपुर के सांगानेर क्षेत्र के गोविंद नगर निवासी ज् वैलर सुशील सोनी अपने दो बेटे प्रदीप व दिलीप के लिए लड़की देखने 29 जनवरी 2023 को झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ उपखंड के के थी गांव कुलोठ।
ज् वैलर सुशील सोनी के बेटों की शादी सगाई की रस् मों के दौरान ज् वैलर सुशील सोनी व उनके साथ आए रिश् तेदारों ने लड़कियों के सिर पिता का साया उठ जाने और परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते बिना किसी लेन-देन के चट मंगनी पट ब् याह का फैसला लिया।
बिना बैंड बाजा घोड़ी निकाली बारात
इसके बाद तुरंत कस्बे के नजदीक बाजार में जाकर शादी का जरूरी सामान लाया गया।
दूल्हों के सेहरे व दुल्हनों का लाल जोड़ा भी लाए।मंडप सजाया और बिना बैंड
बाजा और घोड़ी के प्रदीप व दिलीप की बारात निकाली गई।
फिर सात फेरों की रस्म
निभाई गई।घर में ही छोटा सा स्टेज बनाकर दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया
गया।पूरे आयोजन में महज 10 हजार रुपए खर्च हुए।
निजी स्कूल में पढ़ाती दुल्हन आरती
दूल्हों के चाचा विजय सोनी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दुल्हन आरती
बड़ी है।
वह गांव के निजी स्कूल में बच्चों को पढ़ाकर परिवार चला रही थी।
बिना दहेज की शादी के लिए उसकी मां व अन्य रिश्तेदारों से समझाइश कर दोपहर
को सगाई के तुरंत बाद सादे समारोह में शादी कर ली।
By Vishwanath Saini Oneindia
source: oneindia.com
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