सरकार बेचने लगी गेहूं का आटा, बाजार से 9 रुपए सस्ता है भाव, जानें क्यों
उठाया ऐसा कदम ?
देश में आटा का भाव इतना चढ़ गया है कि अब सरकार को खुद आटा बेचने के लिए बाजार में उतरना पड़ गया है।
केंद्रीय भंडार में बाजार भाव से सस्ता आटा गुरुवार से ही मिलना शुरू हो चुका है, नेफेड और एनसीसीएफ भी 6 फरवरी से मार्केट रेट से कम दर पर गेहूं का आटा उपभोक्ताओं तक पहुंचाने वाले हैं।
'भारत आटा' गेहूं के आटे की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अब सरकार ने सस्ते दरों पर आटा बेचना शुरू कर दिया है।
गुरुवार से केंद्रीय भंडार ने 29.50 प्रति किलो के भाव से आटा बेचना शुरू किया है।
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक यही नहीं 6 फरवरी से नेफेड और एनसीसीएफ जैसी कोऑपरेटिव भी इसी दर से पूरे देश में गेहूं का आटा बेचने वाले हैं।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा के तहत बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं घरेलू बाजार में बेचे जाने की प्रगति को लेकर हुई थी।
मंत्रालय ने कहा, 'केंद्रीय भंडार ने आज से 29.50 रुपए प्रति किलो के हिसाब से आटा बेचना शुरू कर दिया है।
हालांकि, NCCF और NAFED 6 फरवरी से 29.50 रुपए प्रति किलो की दर से आटे की सप्लाई करेंगे।
25 लाख टन गेहूं ई-ऑक्शन से हो रहा है जारी ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत बिना ई-ऑक्शन के इन संस्थाओं को गेहूं से आटा तैयार करके 29.50 प्रति किलो की दर से बेचने के लिए उपलब्ध कराया जा रहा है।
देश में पिछले कुछ महीनों में गेहूं की आपूर्ति में कमी आने से गेहूं और आटे की कीमतों में काफी तेजी आई है।
सरकार भारतीय खाद्य निगम (FCI) को खासकर गेहूं और चावल पहले से तय कीमतों पर खुले बाजार में समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी कारोबारियों को बेचने की अनुमति देती है।
पिछले साल रबी के मौसम में गेहूं के उत्पादन में थोड़ी सी गिरावट देखने के बाद कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी।
पिछले का उत्पादन 109.59 मिलियन टन से गिरकर 106.84 मिलियन टन रह गया था।तब गेहूं की फसल मौसम की विपरीत परिस्थितियों के चलते प्रभावित हुई थी।
गेहूं की नई फसल की सरकारी खरीद का काम 15 मार्च से शुरू होना है।उसके बाद फिर से गेहूं के दाम कम होने की उम्मीद की जा सकती है।
लेकिन, तबतक उपभोक्ताओं और सरकार दोनों पर दबाव की स्थिति बने रहने के आसार लग रहे हैं।
By Anjan Kumar Chaudhary Oneindia
source: oneindia.com
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