गजब है! ' तंदूर की टेंशन' जबलपुर के रेस्तरां में अब इलेक्ट्रिक ओवन की खाना पड़ेगी रोटी
तंदूर की दलील है कि लकड़ी, कोयला आधारित इन तंदूर की भट्टियों से बेजा वायु प्रदूषण हो रहा है।
एमपी के जबलपुर में आपको होटल, रेस्टारेंट या फिर ढाबों में देसी स्टाइल की तंदूर भट्टी तो देखने को मिलेगी और ही उस पर पकने वाला खाना आपको नसीब हो सकेगा।
कोयले या लकड़ी के इस्तेमाल वाले ऐसे तंदूर के उपयोग पर पाबंदी लगा दी गई है। जिला प्रशासन ने इस संबंध में पूरे जिले में निर्देश जारी किए हैं।
बीते दिनों संभागयुक्त बी. चन्द्रशेखर ने विभिन्न विभागों के अफसरों की बैठक ली थी। जबलपुर में जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण पर भी चिंता जाहिर की गई।
जिसमें प्रदूषण की बड़ी वजहों में होटल रेस्टारेंट में इस्तेमाल हो रहे लकड़ी कोयले वाले तंदूर भी रहे।
जिला कलेक्टर सौरव कुमार सुमन ने इस संबंध में जिले के रेस्तरां ढाबा मालिकों को नोटिस भी जारी कर दिए है।
फरमान जारी होने के तीन दिन के भीतर ऐसे सभी तंदूर हटाने कहा गया हैं। आदेश की अवहेलना करने वाले खिलाफ प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
इलेक्ट्रिक ओवन या गैस करें इस्तेमाल प्रशासन के फरमान के बाद शहर में तंदूरी चिकन और रोटी खाने के शौक़ीन लोगों को भी जब से इस बात का पता चला है, वे निराश है।
खाद्य अधिकारियों का कहना है कि कोयले या लकड़ी वाले तंदूर की जगह इलेक्ट्रिक ओवन या गैस का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इससे वातावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचेगा और लोगों की सेहत पर भी विपरीत असर नहीं पड़ेगा। उपयोग करने का तरीका भी आसान और सुरक्षित रहता है।
प्रशासन के फरमान के बाद रेस्तरां मालिकों का अपना अलग पक्ष है।
उनका कहना है कि जबलपुर में अभी दिल्ली जैसे हालात नहीं है, कि तंदूर की वजह से वायु प्रदूषण हो रहा हो।
अन्य वजह भी है, लेकिन प्रशासन के द्वारा उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा।
By Kartik Agnihotri Oneindia source: oneindia.com Dailyhunt