Tips
&
Tricks :
Gold
में
निवेश
के
लिए
ईटीएफ
और
बॉन्ड
हैं
फिजिकल
गोल्ड
से
बेहतर,
जानिए
क्यों
सोने
में
निवेश
करने
से
आपको
न
केवलच्छा
रिटर्न
मिल
सकता
है,
बल्कि
बाजार
के
उतार-
चढ़ाव
से
निपटने
के
लिए
पोर्टफोलियो
का
बचाव
भी
हो
सकता
है।
भारत
में,
सोने
की
सांस्कृतिक
वैल्यू
बहुत
अधिक
है।
यह
पैसा,
स्टेटस,
जमा
करने
के
लिए
मूल्यवान
चीज
और
कई
खास
मौकों
का
प्रतीक
होता
है।
सोने
में
निवेश
के
कई
ऑप्शन
हैं,
जिनमें
ईटीएफ,
बॉन्ड
और
फिजिकल
गोल्ड
शामिल
है।
इनमें
से
क्या
बेहतर
है,
ये
हम
आपको
आगे
बताएंगे।
भारत
में
सोने
की
मांग
लंबी
अवधि
में
मजबूत
रही
है।
वार्षिक
सोने
की
मांग
2022
में
18
फीसदी
बढ़कर
4,741
टन
हो
गई।
ये
लगभग
2011
के
बराबर
है।
पूरे
साल
सोने
की
मांग
मजबूत
रही।
पिछले
साल
की
चौथी
तिमाही
में
सोने
की
मांग
1,337
टन
रही
थी।
ज्वेलरी
की
खपत
2022
में
कुछ
कम
होकर
3
फीसदी
घटकर
2,086
टन
रह
गई।
स्टोरेज
स्टोरेज
एक
बड़ा
मामला
है।
एसजीबी
आरबीआई
की
बुक्स
में
डीमैट
फॉर्म
में
रखी
जाती
हैं।
वहीं
गोल्ड
ईटीएफ
में
यह
डीमैट
फॉर्म
में
होती
हैं।
मगर
फिजिकल
गोल्ड
को
आप
लॉकर
में
ही
रख
पाएंगे।
उसके
लिए
आपको
अलग
से
चार्ज
देना
होगा।
यदि
आप
इसे
घर
में
रखें
तो
चोरी
का
डर
है।
ब्याज
इनकम
इस
मामले
में
एसजीबी
बेहतर
हैं।
क्योंकि
इस
ऑप्शन
में
2.5
फीसदी
सालाना
ब्याज
दिया
जाता
है।
मगर
गोल्ड
ईटीएफ
या
फिजिकल
गोल्ड
में
आपको
कोई
ब्याज
इनकम
नहीं
होता
है।
वहीं
लिक्विडिटी
की
बात
करें
तो
एसजीबी
में
डिस्काउंटेड
प्राइस
पर
आप
निवेश
निकाल
सकेंगे।
फिजिकल
गोल्ड
में
भी
यही
होता
है।
टैक्सेशन
एसजीबी
में
अगर
मैच्योरिटी
पर
रिडीम
किया
गया
हो,
तो
रिडम्पशन
पर
कैपिटल
गेन
टैक्स
से
छूट
मिलेगी।
मैच्योरिटी
से
पहले,
लॉन्ग
टर्म
कैपिटल
गेन
टैक्स
लागू
होता
है
और
यह
इंडेक्सेशन
के
साथ
20%
होगा।
गोल्ड
ईटीएफ
में
इंडेक्सेशन
के
साथ
20
फीसदी
लॉन्ग
टर्म
कैपिटल
गेन
टैक्स
लगेगा।
वहीं
फिजिकल
गोल्ड
में
भी
यही
नियम
है।
By
Kashid
Hussain
Goodreturns
source:
goodreturns.in
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