चीन और तालिबान के बीच मल्टी-मिलियन ऑयल कॉन्ट्रैक्ट, क्या अफगानों की किस्मत
खोलेगा चीनी प्रोजेक्ट?
चीन ने काफी कौतुहल होकर तालिबान शासकों की तरफ दोस्ती के हाथ बढ़ाए।
पिछले महीने चीन की एक कंपनी ने अफगानिस्तान में महत्वपूर्ण विदेशी निवेश करते 25 सालों के लिए मल्टी-मिलियन डॉलप प्रोजेक्ट साइन किए हैं
तालिबान ने चीन की झिंजियांग सेंट्रल एशिया पेट्रोलियम एंड गैस कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है।
तालिबान के एक प्रवक्ता ने ट्विटर पर कहा है, कि इस सौदे में पहले साल अफगानिस्तान में 15 करोड़ डॉलर और अगले तीन साल में 54 करोड़ डॉलर का निवेश होगा।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक ट्वीट में कहा है, कि "तेल निष्कर्षण की दैनिक दर 1,000 से 20,000 टन होगी।"
उन्होंने कहा, कि तालिबान इस सौदे में 20 प्रतिशत भागीदार होगा, जिसे बाद में 75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा।
अफगानिस्तान में चीनी निवेश की घोषणा शुरूआती तौर पर अफगानों के लिए खुशी लाई है, लेकिन पुराने अफगान इस निवेश को लेकर ज्यादा आशा रखने के बजाए सतर्क दिख रहे हैं।
ऐसा इसलिए नहीं, क्योंकि चीन अभी तक देश के खनन क्षेत्र में अपने किसी भी निवेश के माध्यम से नहीं देख रहा है।
चीन तुर्कमेनिस्तान से चार पाइपलाइनों के जरिए गैस आयात करता है, जिनमें से तीन उज़्बेकिस्तान और एक ताजिकिस्तान के माध्यम से पारगमन करता है।
अफगानिस्तान को चौथी पाइपलाइन का हिस्सा बनने का अवसर दिया गया था।
अफगानिस्तान ने बड़ा मौका गंवाया पिछले सौदे में भी, 25 सालों के लिए, 87 मिलियन बैरल तेल निकालने के लिए 400 मिलियन डॉलर का संभावित प्रारंभिक निवेश रखा गया था।
By Abhijat Shekhar Azad Oneindia
source: oneindia.com
Dailyhunt