कौन हैं Nicola Fox ? सूर्य के प्रकोप से विश्व को बचाने वाली महिला जिन्हें
NASA ने बनाया साइंस चीफ
अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन (नासा) ने अपने चीफ साइंटिस्ट पद पर एक ऐसी महिला को बिठाया है, जिसकी वजह से आज दुनिया सूरज के प्रकोप से बच पा रही है।
इस पद पर बैठने वाली वह पहली महिला हैं।
NASA ने सौर भौतिकीविद् (solar physicist) निकोला फॉक्स को अपना पहला साइंस चीफ बनाया है।
नासा के इतिहास में वैज्ञानिक के इस प्रतिष्ठित पद को सुशोभित करने वाली फॉक्स पहली महिला हैं।
वो इस समय अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन में हेलियोफिजिक्स डिविजन की हेड हैं।
सौर तूफान को समझने में सहायता की निकोला फॉक्स पहले सूर्य पर शोध करने वाले पार्कर सोलर प्रोब मिशन की टॉप वैज्ञानिक भी रह चुकी हैं।
नेल्सन ने सूर्य को समझने और सौर तूफान, सैटेलाइटों और ग्रहों को किस तरह से प्रभावित करते हैं, यह समझ विकसित करने में निकोला के योगदान की बहुत सराहना की है।
सूर्य के प्रकोप का पहले ही लग जाता है अनुमान 54 साल की निकोला ने जो शोध किए हैं, उसकी वजह से दुनिया को सौर विस्फोटों के बाद पैदा होने वाले खतरनाक सौर लहरों, सौर धधकों और सोलर रेडिएशनों से बचाने में मदद मिली है।
निकोला फॉक्स नासा की जिस यूनिट की कमान संभालेंगी उसका सालाना बजट करीब 1 अरब डॉलर का है।
नासा के कई महत्वपूर्ण मिशन इससे जुड़े हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं, मंगल पर अतीत में जीवन होने की खोज और जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप की मदद से दूरस्थ आकाशगंगाओं के बारे में पता लगाना।
नासा रूप में के मुताबिक साइंस यूनिट की हेड के फॉक्स पर नासा के 100 से ज्यादा मिशनों की जिम्मेदारी होगी।
इससके तहत ब्रह्मांड की रहस्यमयी गोपनीयताओं को उजागर करना है।
इसमें पृथ्वी पर पैदा होने वाले समुद्री तूफान का पता लगाने समेत चांद पर जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों की कैसे सहायता की जा सकती है, ये भी शामिल हैं।
फॉक्स को मिले अवॉर्ड नासा में फॉक्स का करियर 2018 में हेलीयोफिजिक्स के हेड बनने के साथ शुरू हुआ था।
वह जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी में अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी में काम कर चुकी हैं।
यहां भी वह नासा के पार्कर सोलर प्रोब के लिए चीफ साइंटिस्ट की भूमिका निभा चुकी हैं।
By Anjan Kumar Chaudhary Oneindia
source: oneindia.com
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