कोरोना के बाद हार्ट अटैक, डायबिटीज, स्ट्रोक का कितना खतरा है ? WHO की पूर्व चीफ साइंटिस्ट स्वामिनाथन ने बताया
कोरोना का प्रकोप कम हुआ है, लेकिन इसका वायरस अभी भी दुनिया में मौजूद है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन इसके जोखिम के साथ- साथ इसके संक्रमण की वजह से होने वाले गंभीर रोगों को लेकर कई अहम बातें बताई हैं।
पूर्व चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामिनाथन ने कोविड-19 के मौजूदा खतरों को लेकर कई महत्पूर्ण बातें बताई हैं।
तीन साल पहले जब कोविड-19 ने पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की वजह से चपेट में लेना शुरू किया था, तो स्वामिनाथन डब्ल्यूएचओ की नीति नियंताओं में शामिल रही थीं।
सौम्या स्वामिनाथन ने कहा है कि इस बात का खतरा बना हुआ है कि यह वायरस इस तरह से म्यूटेट कर सकता है कि वैक्सीन से जो भी इम्यूनिटी प्राप्त की गई है, वह खत्म हो सकती है।
स्वामिनाथन का सुझाव है। जैसा कि कोविड-19 की दूसरी लहर में देखने को मिला था। तब इसके डेल्टा वेरिएंट ने भारत में भी हजारों लोगों की जान ले ली थी।
वैज्ञानिक यह आशंका हमेशा से जताते रहे हैं कि अगर वायरस को बड़े पैमाने पर म्यूटेशन का मौका मिला तो ऐसा वेरिएंट पैदा हो सकता है, जो वैक्सीन के प्रभाव को बिल्कुल ही खत्म भी कर सकता है।
कोविड के लोगों में अचानक मौतों के बढ़ते मामले को लेकर उठ रहे हैं। हाल में कम उम्र के बाद हार्ट अटैक, डायबिटीज, स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।
कोविड इंफेक्शन अपने आप में उसके बाद दिल के दौरे का एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है।