पृथ्वी से धीरे- धीरे दूर जा रहा है चांद, सालाना 3 .8 cm है रफ्तार, वैज्ञानिकों का क्या कहना है, जानिए
पृथ्वी पर सूरज की रौशनी की मात्रा भी घटती जा रही है। वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में पाया है कि चांद के पृथ्वी से दूर जाने की दर सालाना 3 .8 सेंटीमीटर है।
खगोलीय भाषा में यह गति काफी तेज मानी जा रही है।
रिपोर्ट शोधकर्ताओं ने पाया है कि चंद्रमा धीरे- धीरे पृथ्वी से दूर होता जा रहा है।
अमेरिकी अंतरिक्ष संगठन नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक इसकी मौजूदा रफ्तार 3 .8 सेंटी मीटर प्रति वर्ष है।
1969 में अपोलो अभियान के दौरान वैज्ञानिकों ने वहां रिफ्लेक्टिव पैनल लगाए थे।
चांद चंद्रमा एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जो पृथ्वी की कक्षा के चारों ओर घूमता है। पहले यह माना जाता था कि चांद पृथ्वी से समान दूरी पर बना रहता है।
इसके पीछे धरती के गुरुत्वाकर्षण को कारण माना जाता था।
लेकिन, ईस्ट कोस्ट डेली की एक रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने पाया है कि हकीकत में चांद धरती से दूर होता जा रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक आज से 2 .46 अरब साल पहले चांद हमसे मौजूदा दूरी की तलना में 60,000 किलोमीटर नजदीक था।
यह दूरी पृथ्वी के व्यास के लगभग पांच गुना के बराबर है।
चंद्रमा के पृथ्वी से दूर हो रहता है।
मिलानकोविच चक्र पृथ्वी की धुरी और कक्षीय आकार में सूक्ष्म अंतरों की ओर इशारा करता है।
इसी से धरती पर पड़ने वाली सूरज की रौशनी की मात्रा प्रभावित होती है।' मिलानकोविच चक्र' के असर से धरती के पर्यावरण पर असर पड़ता है।
अतिवृष्टि या अनावृष्टि की घटनाएं बढ़ सकती हैं।
अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में मौजूद किसी भी दो चीजों की दूरियां बढ़ेंगी।
By Anjan Kumar Chaudhary Oneindia source: oneindia.com Dailyhunt