Meghalaya result: क्रिश्चियन- बहुल मेघालय में बीजेपी के उभरने के मायने ?
मेघालय विधानसभा चुनावों के नतीजों से लग रहे हैं कि एकबार फिर से भाजपा की समर्थन वाली नेशनल पीपुल्स पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
बीजेपी को पिछली विधानसभा के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा सीटें मिलने के आसार लग रहे हैं।
जबकि वह पहली बार राज्य की सभी सीटों पर अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही थी।
मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती होने से एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की बंद कमरे में हुई मुंलाकात की खबरें क्रिश्चियन बहुल राज्य में दक्षिणपंथी भारतीय जनता पार्टी के उभार की कहानी कह रही थी।
भाजपा मेघालय में सातवां विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने सबसे ज्यादा 47 सीटों पर चुनाव 2018 के विधानसभा में चुनाव लड़ थे।
पार्टी को ना सिर्फ 2 सीटें मिलीं, बल्कि 9 .63 % वोट भी हासिल हुए।
पार्टी ने अपना आधार बढ़ाने के लिए इस बार सभी 59 ( एक पर चुनाव नहीं हुआ है) सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया।
बीजेपी ने क्रिश्चियन बहुल राज्य में कांग्रेस के मुकाबले राष्ट्रीय दल के रूप में इस चुनाव में खुद को पेश कर दिया है।
प्रदेश में भाजपा के बढ़े हुए जनाधार का अंदाजा दक्षिण तुरा विधानसभा सीट से ही मिल जाता है।
जहां बीजेपी के प्रत्याशी बेरनार्ड एन मारक ने मुख्यमंत्री कोनार्ड संगमा को कांटे की टक्कर दी है।
इस सीट पर संगमा को पहले राउंड से ही बढ़त मिली, लेकिन बहुत ही मामूली।
बीजेपी तब दूसरे नंबर की पार्टी थी और उसे 19 सीटें मिली थीं।
लेकिन, तृणमूल कांग्रेस ने पहले कांग्रेस के ज्यादातर विधायकों को अपने साथ जोड़ लिया और कांग्रेस के पास गिनती के विधायक बच गए।
By Anjan Kumar Chaudhary Oneindia source: oneindia.com Dailyhunt