भारतीय बच्चों के मोटापे में सालाना 9% से अधिक वृद्धि की आशंका, World
Obesity Day से पहले आई रिपोर्ट
हर साल 4 मार्च को 'विश्व मोटापा दिवस' मनाया जाता है।उससे पहले एक शोध की रिपोर्ट आई है, जो हर उम्र के लोगों के लिए चिंताजनक है।
इसमें भारतीय बच्चों में बढ़ रहे मोटापे को लेकर पूरा खाका दिया गया है।
इस रिपोर्ट में भारत समेत पूरी दुनिया के व्यस्कों में भी बढ़ रहे मोटापे का पूरा ब्योरा दिया गया है।
2035 तक भारतीय बच्चों में मोटापा सालाना 9.1% की दर से बढ़ सकता है।हर साल 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है।
यह लोगों को सेहतमंद जीवन लायक वजन नियंत्रित रखने के लिए प्रेरित करना है।
भारत में करीब 11 फीसदी लोग मोटे हो चुके होंगे, क्योंकि इसमें 2020 से 2035 के बीच में व्यस्कों के मोटापे में सालाना 5.2 की बढ़ोतरी का अनुमान जताया गया है।
'वर्ल्ड ओबीसिटी एटलस 2023' के अनुसार 2020 में भारतीय लड़कों में मोटापे का खतरा 3 फीसदी था।लेकिन, 2035 तक यह बढ़कर 12 फीसदी हो सकता है।
भारत की जीडीपी 1.8 फीसदी प्रभावित हो सकती है।2035 तक भारत की रोकथाम नहीं हुई, इसका उपचार नहीं किया गया तो यह अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा।
विश्व मोटापा संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर लुइस बउर ने कहा है, 'इस साल का एटलस एक स्पष्ट चेतावनी है कि आज अगर मोटापा पर गौर नहीं करेंगे, तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
खासकर ये बड़ी चिंता की बात ये है कि बच्चों और किशोरों में मोटापा बहुत ही तेजी से बढ़ता जा रहा है।'
इस रिपोर्ट के मुताबिक इस रैंकिंग में भारत 98/183 पर है, जिसे कि 'औसत' में रखा गया है।
सबसे अधिक तैयार सारे सर्वश्रेष्ठ 10 देश यूरोप में हैं, जबकि सबसे फिसड्डी 10 देश अफ्रीकी हैं।
By Anjan Kumar Chaudhary Oneindia
source: oneindia.com
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