अब ईरान की भी बदल जाएगी किस्मत, मिला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा लिथियम भंडार
लिथियम भंडार मिला है।ईरानी उद्योग, खान और व्यापार मंत्रालय (MIMT) के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इसकी मात्रा लगभग 85 मिलियन मीट्रिक टन है।
लिथियम की इतनी बड़ी खोज ईरान के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है।ईरान के तेलों पर अमेरिका और पश्चिमी देशों ने कड़ा प्रतिबंध लगा रखा है।
इब्राहिम अली मोलाबेगी ने कहा कि हमने हमीदान प्रांत में अपना पहला लिथ और की खोज एक आशाजनक संकेत है कि इस प्रांत में भंडार मौजूद हैं।
मोलाबेगी ने दुनिया में सीमित लिथियम भंडार की ओर इशारा कहा कि इस बहुमूल्य धातु का इलेक्ट्रिक गाड़ियों, मोबाइल फोन और लैपटॉप आदि में लगने वाली बैटरियों में किया जाता है।
मोलाबेगी को उम्मीद है कि वैश्विक बाजारों में इसकी बढ़ती मांग के बीच ईरान मिट्टी से लिथियम सामग्री निकालने का एक प्रभावी तरीका खोज लेगा।
लिथियम का बार-बार रीचार्ज की जा सकने वाली बैटरियों में होता है।मूड स्विंग और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी बीमारियों के इलाज में भी यह मददगार है।
वर्तमान में लिथियम का सबसे बड़ा भंडार चिली में मौजूद है।यहां लगभग 93 लाख टन लिथियम उपलब्ध है।इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में 63 लाख टन लिथियम का भंडार है।
भारत में भी जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का एक बड़ा भंडार मिला है।भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक ये लिथियम भंडार 59 लाख टन का है।
ईरान में लिथियम मिलने से पहले रियासी को ही दूसरा सबसे अधिक बड़ा लिथियम भंडार बताया जा रहा था।
वर्तमान में एक टन लिथियम की कीमत लगभग 59 लाख भारतीय रुपये है।
बेंचमार्क मिनरल इंटेलिजेंस के अनुसार, दिसंबर 2022 के मध्य तक लिथियम मूल्य सूचकांक में साल-दर-साल 182.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
लिथियम की वैल्यू दुनियाभर का ध्यान प्रदूषण को लेकर ग्रीन एनर्जी पर बढ़ा है।ऐसे में लिथियम की वैल्यू लगातार बढ़ती जा रही है।
रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2000 से 2015 के बीच लिथियम की डिमांड 30 गुना बढ़ गई।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि 2015 के मुकाबले 2025 में इसकी डिमांड 1000 परसेंट बढ़ सकती है।2024 तक लिथियम की कमी की चेतावनी दी है।
By Sanjay Kumar Jha Oneindia
source: oneindia.com
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