'दमदार प्रदर्शन के बावजूद उमेश यादव को हमेशा अनदेखा किया गया', दिनेश
कार्तिक ने खोले कई दर्दभरे राज
इंदौर टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने दमदार प्रदर्शन किया।
उमेश यादव को भारतीय टेस्ट टीम में बहुत कम खेलने के मौके मिले हैं।
भारतीय टीम में लगातार लंबे समय तक टिके रहना मुश्किल होता जा रहा है, खासकर गेंदबाजों के लिए टीम में लंबे समय तक बनाए रखना बड़ी चुनौती होता जा रहा है।
उमेश यादव को हमेशा अनदेखा किया गया
लंबे समय से जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा भारतीय टेस्ट टीम की
पहली पसंद रहे हैं।
ऐसे में किसी भी गेंदबाज के चोटिल होने के बाद ही बैकअप के
तौर पर उमेश यादव को खेलने का मौका मिलता है।
भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज
दिनेश कार्तिक ने उमेश यादव के साथ सहानुभूति रखते हुए दावा किया कि उन्हें
भारतीय टीम में "हमेशा अनदेखा" किया गया था।
कार्तिक ने कहा कि उमेश यादव के पुलिस ऑफिसर बनना चाहते थे।कार्तिक ने कहा कि साल 2010 के दौरान उमेश यादव अपने क्रिकेट करियर के पिक पर थे।
उमेश ने साल 2008 में विदर्भ के लिए खेलना शुरू किया, जिसके बाद साल 2010 में उन्हें भारतीय टीम में जगह दी गई थी।
दिनेश कार्तिक ने कहा कि जब किसी टीम के पास जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी जैसा तेज गेंदबाज होता है, तो ऐसे में दूसरे तेज गेंदबाजों के लिए टीम में जगह बनाना आसान नहीं होता।
ईशांत शर्मा और उमेश यादव हमेशा टीम के तीसरे पसंदीदा गेंदबाज होते थे।
कार्तिक ने कहा कि कई बार विकेट लेने के बावजूद उमेश यादव को अगले मैच से बाहर होना पड़ता था।
उमेश यादव को बाद में केकेआर ने लिया और उन्होंने 12 मैचों में सिर्फ 7.06 की इकॉनमी रेट से 16 विकेट लेकर एक बार फिर भारतीय टी-20 टीम में वापसी की।
By Amit Kumar Oneindia
source: oneindia.com
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